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    • 30 NOV 16
    क्या साइनस भी दे सकता है सरदर्द ?

    साइनस एक गंभीर रोग है । यह नाक का इंफेक्शन है । इससे जहां नाक प्रभावित होती है वही फेफड़े, आँख, कान और मस्तिष्क भी प्रभावित होता है । इसमें सिरदर्द इतना तीव्र हो जाता है कि असहनीय हो जाता है ।

    जाने- सिरदर्द क्या है ओर ये क्यूँ होता है ?

     

    क्या है साइनस ?

    साइनस नाक का एक रोग है परंतु इसके कारण सिर में गम्भीर दर्द होता है । आयुर्वेद में इसे ‘प्रतिश्याय’ नाम से जाना जाता है । सदीं के मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इस रोग के लक्षण हैं । इसमें रोगी को हल्का बुखार, आँखों में पलकों के उपर या दोनों किनारों-पर दर्द रहता है ।

    तनाव, निराशा के साथ ही चेहरे पर सूजन आ जाती है । इसके मरीज की नाक और गले में कफ जमता रहता है | इस रोग से ग्रसित व्यक्ति धूल और धुआं बर्दाश्त नहीं कर सकता । साइनस ही आगे चलकर दमा जैसी गंभीर बीमारी में भी बदल सकता है । इससे गंभीर संक्रमण हो सकता है |

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    जाने- कैसे करें अपने सही सरदर्द की पहचान ?

     

    क्यों होता है साइनस ?

    आम धारणा यह है कि इस रोग में नाक के अंदर की हड्डी बढ जाती है या तिरछी हो जाती है, जिसके कारण श्वास लेने में रुकावट आती है । ऐसे मरीज को जब भी ठंडी हवा या धूल, धुआं उस हड्डी पर टकराता. है तो व्यक्ति परेशान हो जाता है । चिकित्सकों अनुसार साइनस मानव शरीर की खोपडी में हवा भरी हुई कैंविटी होती हैं जो हमारे सिर को हल्कापन व श्वास वाली हवा लाने में मदद करती है । श्वास लेने में अंदर आने चाली हवा इस थैली से होकर फेफडों तक जाती है । इस थैली में हवा के साथ आई गंदगी यानी धूल और दूसरे तरह की गंदगियों को रोकती है और बाहर फेंक दी जाती है । साइनस का मार्ग जब रुक जाता है अर्थात् बलगम निकलने का मार्ग रुकता है तो ‘साइनोसाइटिस’ नामक बीमारी हो सकती है ।

    वास्तव में साइनस के संक्रमण होने पर साइनस को झिल्ली में सूजन आ जाती है। सूजन के कारण हवा की जगह साइनस में मवाद या बलगम आदि भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं । इस वजह से माथे पर, गालों व उपर के जबड़े में दर्द होने लगता है ।

    जाने- आपके सरदर्द का कारण कमजोर आँखे तो नही ?

     

    साइनस रोग के लक्षण

    ० अचानक नाक बहने लगना

    ० नाक बंद हो जाना

    ० चेहरे पर और भौहों के बीच दर्द होना, ये सभी साइनस रोग के लक्षण हैं 1

    ० साइनसं रोग के कारण

    ० वायरस

    ० बैक्टीरिया

    ० फंगस के कारण संक्रमण होना

    ० कोई एलजी होना

    ० लम्बे समय तक जुकाम रहना, ये सभी साइनस रोग के मुख्य कारण हैं ।

    जाने- क्यो होता है सिरदर्द, कारण तथा उपचार ?

     

    साइनस के घरेलू उपचार

    1. सब्जियों का प्रयोग एक सबसे अच्छा साइनस संक्रमण का घरेलू उपचार है । अगर आप 300 एमएल गाजर का रस, 300 एमएल चुकन्दर का रस, 200 एमएल पालक का रस और 100 एमएल ककडी का रस रोज पिएंगे तो आपको जरूर फायदा होगा |

    2. एक चम्मच मेथी के बीज को पानी के एक कप के साथ उबाल लें । इसको पाँच मिनट तक अच्छे से उबाल कर छान लें । यह चाय एक बार हर रोज जरूर पीना चाहिए ।

    3. छोटा प्याज और लहसुन कूट कर एक साथ पानी में उबाल कर भाप लेने से साइनस के सिरदर्द में लाभ होता है । साथ ही गर्म कपड़ा या फिर गर्म पानी की बोतल गालों के ऊपर रखकर सिकाई करनी चलिए । यह प्रक्रिया लगभग एक मिनट के लिए दिन में तीन बार करनी चाहिए । इससे काफी आराम मिलता है ।

    4 यूकलिप्टस तेल/की कुछ बूंदों के साथ पानी का आधा कप उबाल लें और स्टीम लें | यह संक्रमण दूर करता है और साइनस सिरदर्द के लिए फ़ायदेमंद इलाज भी होता है |

    5 इसके लक्षण को कम करने के लिए सूप बनाइए जिसमें लहसुन, प्याज़, सहिजन, काली मिर्च और अदरक पड़ा हो । इसको गरमा-गरम पीने से लाभ होता है ।

    6 साइनस के सिरदर्द को कम करने के लिए प्रत्येक नथुने पर प्याज के रस की दो बूंदे रखिए |

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    योग से पाएं लाभ

    इस रोग में सर्दी बनी रहती है और कुछ लोग की सामान्य सर्दी समझ कर इसका इलाज नहीं करवाते हैं । सर्दी तो सामान्यत: तीन-चार दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन इसके बाद भी इसका संक्रमण जारी रहता है । अगर वक्त रहते इसका इलाज न कराया जाए तो आँपरेशन कराना जरूरी हो जाता है लेकिन इसकी रोकथाम के लिए योग में क्रिया और प्राणायाम को सबसे कारगर माना गया है । नियमित क्रिया और प्राणायाम से बहुत से रोगियों को 99 प्रतिशत लाभ मिला है ।

    इस रोग में बहुत से लोग स्टीम या सिकाई का प्रयोग करते हैं और कुछ लोग प्रतिदिन विशेष प्राकृतिक चिकित्सा अनुसार नाक की सफाई करते है । रोग से यह दोनों की कार्य संपन्न होते हैं । प्राणायाम जहाँ स्टीम का कार्यं करता है वही जलनेती और सूत्रनेती से नाक की सफाई हो जाती है । प्रतिदिन अनुलोम विलोम के बाद पांच मिनट का ध्यान करें | जब तक यह करते रहेंगे साइनस से आप कभी भी परेशान नहीं होंगे |

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    साइनस (सिरदर्द) का पंचगव्य उपचार

    ⁠⁠⁠गौ नस्य

    मुख्य लक्षण– सिर में दर्द होना | यह स्वतंत्र व्याधि भी है ओर कुछ व्याधियों का लक्षण मात्र भी |

    मुख्य दोष– वात, पित्त, कफ

    प्रभावित संस्थान– वातनाड़ी संस्थान

    गौमूत्र की उपयोगिता– गौमूत्र मेधी है, इसलिए मस्तिष्कीय ज्ञान-तंतुओं को शक्ति देता है | दीपन ओर पाचन होने के कारण शरीर को बनाए रखता है | पित्त, तिक्त व उष्ण होने के कारण लाभ करके नाड़ी संस्थान तो ताक़त देने से सरदर्द को मिटाता है | नित्य गौमूत्र पीने से स्थाई रूप से सरदर्द नष्ट हो जाता है |

    गौ-नस्य की उपयोगिता– देशी गाय के दूध के कण अत्यंत सूक्ष्म होने के कारण उसके घी से बना गौ-नस्य मस्तिष्क के अतिसूक्ष्म नाड़ीयों में जाकर अवरोध को दूर कर सरदर्द को मूल सहित उखाड़ फेंकता है |

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