- टक पदार्थ तथा उनकी मात्रा
- उपले का कोयला : 1 किलोग्राम
- सेंधा नमक : 50 ग्राम
- काला नमक : 50 ग्राम 10
- बनाने की विधि
- उपलों की छोटी सी राशि खड़ी कर, घी के दिए से उपले जलाएं ।
- जब अपनों की राशि जलकर लाल हो जाए, तब उचित आकार के पतीले से उसे पूरा ढक दें । अब भूमि से सटी पतीले की किनार को मिट्टी से ढक दें । इससे प्राणवायु की आपूर्ति खंडित होगी और जलते हुए उपले शीघ्र बुझ जाएंगे ।
- उपलें को पतीले से ढके बिना दूसरी विधि भी अपनाई जा सकती है । 2*2*2 घनफुट आकार के गड्ढे में उपले जलाएं । जब ये जलकर लाल हो जाएं, तब इस गड्ढे को किसी धातु के / टीन के ढक्कन से पुर्णतः ढक दें और ढक्कन के किनारे मिट्टी से बंद कर दें ।
- दूसरे दिन ढका हुआ पतीला अथवा गड्ढे पर रखा ढक्कन हटा दें ।
- अब काले रंग का कोयला बनकर तैयार है । इसे निकालकर कपड़ाछान चूर्ण बनाकर इसका उपयोग दंतमंजन बनाने के लिए करें । कोयले के चूर्ण में अन्य घटक पदार्थों का कपड़छान चूर्ण बनाकर उन्हें आपस में अच्छे से मिलाएं । यह दंतमंजन छोटी-छोटी डिब्बियों में भरकर रख दें ।