घटक पदार्थ
सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण कर रहा हो, तब अर्थात 26 मई से 8 जून मध्य किसी रात्रि में प्राप्त किया हुआ गोमुत्र 100 मिलीलीटर
इस अवधि में धूप कडी होती है; इसलिए इस गोमुत्र पर सूर्य तरंगों का संस्कार हुआ रहता है ।
बनाने की विधि
स्वच्छ सूती कपड़े की चार परतें बनाकर उससे इस गोमुत्र को छानकर ड्रापर वाली शीशियों में भरकर रख दें ।