sdasad
    • 10 OCT 17
    गव्यशाला ओर लाड़वा गौशाला के प्रशिक्षण में 10 प्रमुख अंतर

    भारत मे पिछले कुछ समय से हिसार की लाड़वा गौशाला ने अत्यधिक प्रसिद्दी पाई है ओर इस महान कार्य के लिए लाड़वा का पूरा संगठन बधाई का पात्र है | लाड़वा ने विशेषकर उत्तर भारत मे प्रेरणा देने का कार्य किया है… विश्वास जगाया है…की गौमाता भी बिना दूध के अर्थ दे सकती है | इसके लिए लाड़वा को नमन…

    पर इसी के साथ पिछले कुछ दिनों से गौभक्त गव्यशाला ओर लाड़वा की तुलना करने लगे है | जबकि दोनो ही व्यवस्थाओं के कार्य करने का तरीका बिल्कुल अलग है | जहाँ लाड़वा में एक पूर्ण सुसज्जित, व्यवस्थित एवम् आधुनिक यंत्रों से युक्त गौशाला है… वही गव्यशाला का मूल मंत्र है… इस सबके बिना कैसे कुछ ऐसा किया जाए की गौसेवा के साथ-२ जीवनयापन भी हो जाए |
     
    आज हम आपको दोनो गौशालाओं के कुछ मुख्य अंतर बताने जा रहे है… कृपया ध्यान से पढ़ें…

     

    क्रमांक गव्यशाला लाड़वा गौशाला
    1) गव्यशाला का संकल्प है असक्षम लोगो को बिना किसी धनराशि के केवल रसोई के बर्तनो से ही उत्पाद निर्माण करना सिखाया जाए | लाड़वा गौशाला का ऐसा कोई संकल्प नही है |
    2) हम यहाँ पर सीधा छात्रों के हाथो से ही उत्पाद निर्माण करवाते है… ताकि छात्र मे आत्मविश्वास पैदा हो | यहाँ ऐसी कोई व्यवस्था नही है
    3) गव्यशाला बिना किसी विशेष यंत्र ओर उपकरण के उत्पाद निर्माण सिखाती है | यहाँ ऐसे उपकरण है जो साधारण मनुष्य की पहुँच से बाहर है |
    4) गव्यशाला का मंत्र है… जहाँ, जैसी, जब व्यवस्था मिले कार्य आरंभ करो ना की आधारभूत ढाँचे ओर व्यवस्था की प्रतीक्षा करो | ऐसा लाड़वा में कुछ नही है |
    5) गव्यशाला उत्पाद निर्माण के साथ ही उनके माध्यम से मनुष्य की चिकित्सा भी सीखाती है | यहाँ ऐसा कुछ नही है |
    6) केवल 5 दिन के शिविर मे लगभग 50 प्रकार के उत्पाद ओर औषध प्रशिक्षण के साथ-2 चिकित्सा का ज्ञान भी देती है | 3 दिन मे कुछ सीमित मात्रा मे उत्पादों का निर्माण बताया जाता है वो भी सूत्र के रूप में ओर विशेष यंत्रों के माध्यम से |
    7) पंचगव्य, पंचतत्व ओर त्रिदोष का संबंध ओर उसे संतुलित करना सीखाती है | यहाँ ऐसा कुछ नही है |
    8) पढ़ने के लिए ऐसा साहित्य दिया जाता है को विश्व की संपूर्ण चिकित्सा पद्द्ति का निचोड़ है | यहाँ केवल कुछ सूत्र लिखवाए जाते है |
    9) गव्यशाला में उत्पाद निर्माण के साथ ही उनका अध्यात्मिक पक्ष, उर्जा, ओर उससे संबंधित विज्ञान के ग़ूढ रहस्य बताए जाते है | यहाँ अध्यात्म का कोई विषय नही है |
    10) सबसे महत्वपूर्ण उत्पाद बनाने के साथ ही उसे बेचना सीखाया जाता है | यहाँ ऐसा कुछ नही है |

     
     


     
    ये अंतर बताने का अर्थ यहाँ यह है की गव्यशाला की विचारधारा बिल्कुल भिन्न है | हम राजीव भाई के सपनो के भारत पर कार्य कर रहे है, जहाँ बिना किसी बड़ी ढाँचागत व्यवस्था के साधारण मनुष्य ग्रामीण स्तर पर ही कुछ उत्पाद बनाकर अपना जीवनयापन कर सके | क्यों क्या यही नही था राजीव भाई का सपना… व्यवस्था का विकेंद्रीकरण…?? तो आओ विकेंद्रित व्यवस्था का निर्माण करें… गाँव ओर ग्रामवासी को खड़ा करें |

    यदि आप भी गौसेवा के माध्यम से 25000 रुपया मासिक कमाना चाहते है तो यहाँ फॉर्म भरें (5 दिवसीय शिविर)
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    25000 से 100000 रुपया मासिक कमाने के लिए यहाँ फॉर्म भरें (भारत सरकार से मान्यता प्राप्त पंचगव्य चिकित्सा प्रशिक्षण)
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    क्या कहते है गव्यशाला से सीखने के पश्चात छात्र, यहाँ देखें
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    अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-
    गव्यशाला
    दूरभाष- 9928087811
    व्हाट्सएप्प- 9928087811
    रामानंदाचार्य पंचगव्य गुरुकुल
    जिला-जयपुर, राजस्थान
    www.gavyashala.com
    info@gavyashala.com

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