गौसेवा सेवा के माध्यम से मानव सेवा…
माँ जगजननी है, माँ पालक है, मेरी माँ सबला है अबला नही… यह इस देश का दुर्भाग्य है की गाय माता को इस देश में केवल दूध के लिए ही देखा जा रहा है| जबकि गाय है तो प्रकृति है, माँ रहेगी तो हरियाली रहेगी, माँ रहेगी तो ही जल रहेगा, माँ रहेगी तो खाद होगी, कृषि होगी, माँ होगी तो किसान बचेगा… माँ होगी तो बीमारियाँ नही होगी.. उपचार भी माँ से ही हो जाएगा, यह आज इस घोर कलयुग मे किसी की सोच नही है… बस सब भागे जा रहे है|
हम चाहते है की गौ को दान के विषय से हटाकर विज्ञान का विषय बनाया जाए… गौ सरकार का नही समाज का विषय है… गौ की लड़ाई हमारे अस्तित्व की लड़ाई है क्योंकि गौ के बिना कृषि की कल्पना ही नही की जा सकती | कृषि बिना मानव का अस्तित्व कहाँ… ?
इसी प्रयास के अंतर्गत रामानंदाचार्या पंचगव्य गुरुकुल, ग्राम- गढ़टकनेट में खोला गया है जिसमें भारत सरकार (बीएसएस) से मान्यता प्राप्त १ वर्षीय मास्टर डिप्लोमा इन पंचगव्य करवाया जा रहा है… जिसे करने के पश्चात युवा अपने ही ग्राम मे 2 गाय रखकर चिकित्सा एवम् उत्पाद निर्माण द्वारा 25000 से 50000 मासिक सरलता से कमा कर जीवनयापन कर सकेंगे |
वह युवा जो मास्टर डिप्लोमा करने मे सक्षम नही है उनके लिए 5 दिवसीय पंचगव्य प्रशिक्षण शिविर की व्यवस्था की गई है |
हमारा प्रयास है जो विज्ञान कही खो गया है उसे पुर्नस्थापित करना, आज जो भी लोग गौमाता से जुड़े है, उत्पाद, औषधियाँ बनाते है उनके पास कोई मंच नही है| हमारे छोटे-२ किसान भाई, जो जैविक खेती करते है, मल्टीनैशनल कंपनिया उनसे कोडियों के भाव उपज खरीद कर बाजार में सामान्य उत्पाद से दुगने से तीगुने दाम पर बेचती है… ओर कृषक बेचारे के पास कोई बाजार, मंच नही होता… वो लाचार… रहता हमेशा घाटे मे ही है|
हम चाहते है की इस देश के छोटे-२ लोग जो गौमाता पर काम कर रहे है.. हमसे जुड़े! कृषक, गव्यसिद्ध, उत्पाद बनाने वाले, सेवा करने वाले, सीखने वाले ओर सीखाने वाले सभी जुड़े! यह उनके लिए एक मंच है, यहाँ संबंधित हर ज्ञान मिलेगा.. उपचार मिलेगा… व्यापार मिलेगा…सम्मान मिलेगा…
हमारा प्रयास है जो भी पॅंचगव्य चिकित्सा से संबंधित है इस मंच पर सभी कुछ उपलब्ध हो | हम समय-२ पर ऐसी कहानियाँ यहाँ लाएँगे जो आपको बताएगी की गौमाता, पॅंचगव्य कितने उपयोगी है, कैसे माँ लोगो को लाखों कमाने का अवसर दे रही है|
जो भी सेवक हमसे गौमाता से संबंधित किसी भी विषय मे जुड़ना चाहे उनका स्वागत है…