sdasad
    • 15 NOV 16
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    क्यों कहते है गौमूत्र को पृथ्वी पर सर्वश्रेष्ठ मूत्र ?

    क्यों कहते है गौमूत्र को पृथ्वी पर सर्वश्रेष्ठ मूत्र ?

    आयुर्वेद, ऋग्वेद के उपवेद के रूप में मानव-चिकित्सा के लिए वर्णन किया गया ज्ञान है- ‘आयुर्वेदो धनुर्वेदो गान्धवर्श्र्चेति ते त्रय:| स्थापत्यवेदमपरमुपवेदश्चतुर्विध: ||’ वेद अनादि, शाश्वत है | इसलिए आयुर्वेद मानव-जीवन के साथ ही चला आ रहा है | आज तक इसका ज्ञान शाश्वत, आधोपदेश है | तपस्वी महर्षियों द्वारा इस वेदज्ञान को संवर्धित किया गया

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    • 15 NOV 16
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    गौमुत्र से रोगो पर विजय प्राप्त करने के 15 सूत्र !

    गौमुत्र से रोगो पर विजय प्राप्त करने के 15 सूत्र !

    १) गौमूत्र में किसी भी प्रकार के कीटाणु नष्ट करने की चमत्कारी शक्ति है | सभी कीटाणुजन्य व्याधियां नष्ट होती है २) गौमूत्र दोषों (त्रिदोष) को समान बनाता है | अतः रोग नष्ट हो जाते हैं | ३) गौमूत्र शरीर में यकृत (लीवर) को सही कर, स्वच्छ रक्त बनाकर किसी भी रोग का विरोध करने

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    • 15 MAR 14
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    क्या आप भारतीय देशी गाय के दूध ही महिमा जानते है ?

    क्या आप भारतीय देशी गाय के दूध ही महिमा जानते है ?

    पूर्णान्न् एवं सर्व औषधियों का सार गौमाता विविध औषधीय वनस्पतियां चरकर उनका सार मानव को अपने दूध के रूप में देती है | इस विश्व में गाय के दूध समान अन्य कोई भी पौष्टिक आहार नहीं है | गाय के दूध को ‘अमृत’ कहा जाता है | आरंभिक 3 वर्ष तक दूध जीवन का मुख्य

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प्राकृतिक एवम् पॅंचगव्य चिकित्सा

गौ-नस्य

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गौ आधारित वैदिक पंचगव्य गुरुकुल एवम् चिकित्सा केंद्र

गव्यशाला... एक ऐसा स्थान जहाँ आप सीखेंगे पंचगव्य के माध्यम से शरीर का रोग निदान एवम् उत्पाद निर्माण...

गव्यशाला
विधाधर नगर
जयपुर
राजस्थान- 302023 भारत
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