sdasad
    • 21 MAR 18
    राजीव भाई के नाम को किया बदनाम

    कुछ दिन दिन पहले गोविंद भाई का फोन आया… बड़े क्रोध?? में थे ओर आंखो से अंगारे भांज रहे रहे थे |

    सीधा चढ़ बैठे… बोले तुम लोगो ने राजीव भाई का नाम मिट्टी में मिला दिया है… स्वदेशी को ??व्यापार बना दिया, गाय को व्यापार बना दिया… वो इतना पैसा लेता है आप इतना लेते हो… सब अपनी-२ इच्छा का कर रहे है, आप तो भारत को पुन: गुलामी की ओर ले जा रहे हो | धंधा बना दिया आपने….

    वे भारत के ??सुप्रसिद्ध गुरुकुल की ओर मेरा ध्यान चिन्हित कर रहे थे |

    भाई बोलते है मुझे फ्री मे सीखना है…बस…??

    बहुत देर सुनने के पश्चात मैने पूछा…

    1) यदि गौभक्त निशुल्क कार्य करेंगे तो उनका परिवार क्या खाएगा ?

    2) यदि गौभक्त निशुल्क सेवा करेंगे तो क्या समाज हमारा खर्च उठाएगा… जैसे प्राचीन काल में उठाता था ?

    3) क्या केवल समृद्ध व्यक्ति को ही गौ सेवा करने का अधिकार है ?

    4) यदि हम आपको निशुल्क सीखाएं तो क्या आप यहाँ निशुल्क 1 वर्ष तक सेवा देंगे…. राजीव भाई ने उसके लिए तो मना नही किया ?

    5) ओर राजीव भाई ने कब कहा की व्यापार मत करो….

    6) जब स्वयं कृष्ण हमें एक नही कर सके तो आप यह विचार भी कैसे कर सकते है की हम एक होंगे | हिंदू एक थे ही कब… यह तो धर्म ओर अधर्म की लड़ाई है…

    ?‍♂️?‍♂️एक का भी उत्तर उनसे देते नही बना….

    फिर मैने उनसे कहा

    यह संसार सागर है, सृष्टि संसार एवम् सृष्टि कर्मफल सिद्दान्त पर चलती है | जो जैसा बोएगा वैसा काटेगा… आप दुखी ना हो ओर अपना कर्म करें… धर्म की स्थापना करना राजीव भाई का नही कृष्ण का कार्य है, ओर आप भरोसा रखें…. वो इसे अवश्य करेगा |

    फिर भाई ने पूछा मुझे क्या करना चाहिए….

    जो मैने उन्हे कहा??…. वो अगली पोस्ट में.. यहाँ देखें

    क्रमश:-

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  • Posted by सुरेंद्र सिंह राणा on November 22, 2018, 1:41 pm

    सुंदर , अति सुंदर । गोमाता का आशिर्वाद बना रहे ।

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